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झरने का पत्थर

हवाबाजी

स्वार्थी ही मूर्ख है

ओंस की बूँदें

नंगा अन्तर्मन

तुमको देखता हूँ तो सोचता हूँ

ये दिल मचलता तो है।

बस आँखों से बह जाता है

मंझधार

बरसात नहीं होती

एक जलती हुई चिता