जिंदा लाशें

मेरे घर के दो घर बाद आता है वो घर
वहाँ कोई किसी से बात नहीं करता
उस घर में एक बार चोरी हुई थी
एक शराफत की सुरंग जाती है उस घर में
उसी से खुशियाँ चुराई गयीं थी
आये थे कुछ चोर-लुटेरे
रिश्तेदारों का भेष बना कर
ले गए सारा सुकून समेट कर
रातों की नींद को भी ना छोड़ा
लूट लिया सब हंसी-ठहाकों को
और छोड़ गए मनहूसियत
अब उस घर में कोई नहीं आता
सुना है वहाँ ज़िंदा लाशें रहती हैं
चोर चोरी करते हैं, जान नहीं लेते

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