बंद दरवाज़े
कमरे के बंद दरवाज़े में,
जब कोई झाँकने की कोशिश करता है,
खीझ होती है बहुत,
उसके हौसले देख कर,
उम्मीद तो टूट जाया करती है ना,
ये हौसले क्यों नहीं टूटते?
क्यों कोई जान लेना चाहता है,
अंदर छुपे सैकड़ों राज़,
और भंग कर देना चाहता है गोपनीयता,
तहखाने में छुपे सच के ख़ज़ाने की,
सुनो, मेरे दिल के बंद दरवाज़े में,
झाँकना छोड़ क्यों नहीं देती तुम?
जब कोई झाँकने की कोशिश करता है,
खीझ होती है बहुत,
उसके हौसले देख कर,
उम्मीद तो टूट जाया करती है ना,
ये हौसले क्यों नहीं टूटते?
क्यों कोई जान लेना चाहता है,
अंदर छुपे सैकड़ों राज़,
और भंग कर देना चाहता है गोपनीयता,
तहखाने में छुपे सच के ख़ज़ाने की,
सुनो, मेरे दिल के बंद दरवाज़े में,
झाँकना छोड़ क्यों नहीं देती तुम?
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