दिल
दिल न पत्थर है, न ही मोम है,
दिल बस एक अंग है,
जो कभी टूट नहीं सकता,
ये बस एक हिस्सा है,
उस शरीर का जिसमे अरमान बसा करते हैं,
जिनके टूट जाने पर,
ये एक जरिया बन जाता है,
जिसका बहाना कर के,
लोग रो लेते हैं,
थोड़ी सहानुभूति की चाहत में..
दिल बस एक अंग है,
जो कभी टूट नहीं सकता,
ये बस एक हिस्सा है,
उस शरीर का जिसमे अरमान बसा करते हैं,
जिनके टूट जाने पर,
ये एक जरिया बन जाता है,
जिसका बहाना कर के,
लोग रो लेते हैं,
थोड़ी सहानुभूति की चाहत में..
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